
सरसों का तेल भारतीय कुकिंग का अहम हिस्सा है। खाने में तड़का लगाने से ले कर सिर की मालिश करने तक में, सरसों का तेल ही ज्यादातर इस्तेमाल में लाया जाता है। अब अगर सिर्फ खानपान की ही बात करें तो कई लोगों को लगता है कि सरसों का तेल सेहत के लिए, खासतौर से हार्ट हेल्थ के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। दरअसल इसके पीछे की एक बड़ी वजह है कि सरसों का तेल अमेरिका, कनाडा जैसे कुछ पश्चिमी देशों में बैन है। कारण बताया जाता है कि इसमें इरुसिक एसिड की मात्रा काफी ज्यादा होती है। इस वजह से ये काफी हेवी होता है और हार्ट संबंधी बीमारियों, यहां तक कि हार्ट अटैक का कारण बनता है। जानी-मानी न्यूट्रीशनिस्ट (Nutricop) ने एक वीडियो पोस्ट के जरिए इसी कंफ्यूजन को दूर किया है। चलिए जानते हैं एक्सपर्ट की इसपर क्या राय है।
भारतीय खानपान में इस्तेमाल होने वाले सरसों के तेल को हार्ट हेल्थ के लिए नुकसानदायक बताया जाता है। इसके पीछे आमतौर पर ये हवाला दिया जाता है कि 1970 में हुई एक रिसर्च में पाया गया था कि सरसों के तेल में इरुसिक एसिड की मात्रा काफी ज्यादा होती है। ये इरुसिक एसिड हार्ट हेल्थ के लिए बहुत नुकसानदायक होता है। हालांकि न्यूट्रीशनिस्ट कहती हैं कि हमें ये देखना भी जरूरी है कि रिसर्च इंसानों पर नहीं, बल्कि चूहों पर की गई थी। चूहे इरुसिक एसिड को डाइजेस्ट नहीं कर पाते हैं, लेकिन इंसान इसे आसानी से पचा सकते हैं। ऐसे में सरसों के तेल को ही खराब बता देना कोई सोची-समझी साजिश ही लगती है।
न्यूट्रीशनिस्ट कहती हैं कि भारतीय कुकिंग के लिए कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल सबसे अच्छा होता है। इसमें ओमेगा 3 और ओमेगा 6 मौजूद होते हैं, जो हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद होते हैं। ये बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाते हैं। इसके अलावा सरसों के तेल में विटामिन ई और कई एंटीऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं। न्यूट्रीशनिस्ट कहती हैं कि सरसों के तेल का स्मोकिंग प्वाइंट भी काफी ज्यादा होता है, जिस वजह से ये इंडियन कुकिंग के लिए बेस्ट रहता है।
न्यूट्रीशनिस्ट कहती हैं कि हर तेल बराबर नहीं होता। सबसे बेहतरीन की बात करें तो कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल है। इसके अलावा नारियल का तेल भी इंडियन कुकिंग के लिए अच्छा ऑप्शन है। इसमें भरपूर मात्रा में हेल्दी फैट्स और एंटीमाइक्रोबियल गुण मौजूद होते हैं। एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल भी हार्ट हेल्थ के लिए अच्छा है, लेकिन इसका स्मोकिंग प्वाइंट बहुत कम होता है। इस वजह से ये इंडियन कुकिंग के लिए सही नहीं है।
न्यूट्रीशनिस्ट कहती हैं कि तेल अच्छा होने के साथ-साथ उसकी मात्रा का सही होना भी बहुत जरूरी है। यदि आप ज्यादा तेल वाला खाना खाते हैं, तो जाहिर है हार्ट हेल्थ को नुकसान पहुंचेगा ही। अब इसमें सरसों के तेल की तो कोई गलती नहीं है। इसलिए रोजाना कम मात्रा में ही तेल का इस्तेमाल करें, इससे आपका हार्ट ही नहीं, बल्कि ओवरऑल शरीर भी हेल्दी रहेगा।